Monday, March 26, 2012

चक्कर (Chakkar)


i  चक्कर  i
९.९.१९२७
किसी की नाक में चक्कर,
किसी के कान में चक्कर |
हमारे हाथ में चक्कर,
हमें चक्कर में क्या डरना ||

किसी की जान चक्कर में,
किसी का मान चक्कर में |
हमारा काम चक्कर में,
हमें चक्कर में क्या डरना ||

किसी का ध्यान चक्कर में,
किसी की अक्ल चक्कर में |
हमारा देश चक्कर में,
हमें चक्कर में क्या डरना
||

अडीले अन्धविश्वासी,
अघोरी आलसी ओछे |
पड़े दुर्देव को कोसें,
जहां फंसजाय चक्कर में ||

गपोड़ी गाँवठी गुंडे,  गुणों के शत्रु,
जनता के चक्कर में |
मचलते हैं जो बेसमझे, उन्हें समझा के कह्देना |
वृथा बरबाद क्यों होते भला,
गैरों के चक्कर में ||

अगर ऐसे कहे से भी,
न आजावेंगे चक्कर में |
गले में हाथ दे देना,
गिरेंगे हंसके चक्कर में ||

मोहब्बत का अज़ब चक्कर,
मुरब्बत फांस लेती है |
शरारत भूल जावेगा,
जो फंस जावेगा चक्कर में ||

मोहब्बत में फंसा होवे,
उसे क्या होश अपना है |
शकर लिपटा ज़हर खाके
गिरेगा आके चक्कर में ||
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