i चक्कर i
९.९.१९२७
किसी की नाक में
चक्कर,
किसी के कान में
चक्कर |
हमारे हाथ में चक्कर,
हमें चक्कर में
क्या डरना ||
किसी की जान चक्कर
में,
किसी का मान चक्कर
में |
हमारा काम चक्कर
में,
हमें चक्कर में क्या डरना ||
हमें चक्कर में क्या डरना ||
किसी का ध्यान चक्कर
में,
किसी की अक्ल चक्कर में |
किसी की अक्ल चक्कर में |
हमारा देश चक्कर
में,
हमें चक्कर में क्या डरना ||
हमें चक्कर में क्या डरना ||
अडीले अन्धविश्वासी,
अघोरी आलसी ओछे |
अघोरी आलसी ओछे |
पड़े दुर्देव को
कोसें,
जहां फंसजाय चक्कर में ||
जहां फंसजाय चक्कर में ||
गपोड़ी गाँवठी गुंडे, गुणों के
शत्रु,
जनता के चक्कर में |
मचलते हैं जो बेसमझे, उन्हें समझा के कह्देना |
वृथा बरबाद क्यों
होते भला,
गैरों के चक्कर
में ||
अगर ऐसे कहे से
भी,
न आजावेंगे चक्कर
में |
गले में हाथ दे
देना,
गिरेंगे हंसके चक्कर
में ||
मोहब्बत का अज़ब
चक्कर,
मुरब्बत फांस लेती
है |
शरारत भूल जावेगा,
जो फंस जावेगा चक्कर
में ||
मोहब्बत में फंसा
होवे,
उसे क्या होश अपना
है |
शकर लिपटा ज़हर खाके
गिरेगा
आके चक्कर में ||
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