दिलदार दिल
दिल की बात कहे दिलवाला,
छोटी सी बात में मिर्च मसाला,
कहके रहेगा कहने वाला,
दिलकी बात सुने दिलवाला ||
जलदी से कहके धीरे डला दे,
जोर से बोल के कलेजा हिला दे ,
चुके न चाल बड़ा मतवाला,
दिलकी बात सुने दिलवाला ||
दिल को हिलादेवे दिलवाला,
मन को चुरा लेवे मनवाला,
चुके न चोंट चारू चितवाला,
दिलकी बात सुने दिलवाला ||
धीर धुरंधर धोरणधारी,
मुदित सुमंगल मोद विचारी,
हिउ मिल हर्ष हिलानेवाला,
दिलकी बात सुने दिलवाला ||
दिल को दलाना मन को मिलाना,
धोरण को धुत्कार दबाना,
चाल चले चौकस चितवाला
दिलकी बात सुने दिलवाला ||
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श्रीकृष्ण जोशी के पद्य संग्रह में बहुत सी अनूठी कवितायें हैं, जो गीत के रूप में बहुत ही सुन्दर रचनाएं हैं. उदाहरण के तौर पर, फिल्म श्री ४२० का गीत 'दिल की बात कहे दिल वाला' स्व श्रीकृष्ण जोशी द्वारा ही रचित है. इस बात का रिकॉर्ड नहीं है ना ही फिल्कार ने इनके नाम से इस गीत को उपयोग में लिया था. परन्तु १९३० से १९५० की कई पांडुलिपियों में यह श्रीकृष्ण जोशी द्वारा लिखित होना पाया जाता है |
उनकी रचनाओं में गीत हैं:
मैं हूँ एक सिपाही * छुप छुप आते हो माखन चुराते हो * कुसुम तुम क्यों कुम्भ्लाते हो
* प्रबल संघ निर्बल से हारा है * ऐ जननी बता दे * भैया देखो आँख उघार
* रात की करामात * जग में सब से बड़ो रुपैयो * ॐ जय शिव ॐकारा
* आँखों में * भांग महिमा * हिफाज़त * जिसका जी चाहे
* मिट नहीं सकता कभी लिक्खा हुआ तकदीर का ***
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